Delhi दंगा केस-महमूद प्राचा की ऑफिस पर पुलिस का छापा
Delhi दंगा केस-महमूद प्राचा की ऑफिस पर पुलिस का छापा
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Delhi दंगा केस-महमूद प्राचा की ऑफिस पर पुलिस का छापा |
दिल्ली दंगा केस
दिल्ली में पिछले समय में N R C और C A A
के विरोध में धरना प्रदर्शन हुआ था. उसके बाद
मुस्लिम लोगों ने एनआरसी और C A A को रद्द करने के लिए दिल्ली के शाहीन बाग में
धरना प्रदर्शन चालू किया था. बाद में शाहीन बाग से दिल्ही में जोरदार दंगा फसाद हुआ था. दिल्ही में हुए इस शाहीन बाग के दंगों में ज्यादातर
निर्दोष हिंदू लोगों को मार दिया गया था. क्योंकि यह दंगा एक पूर्व नियोजित प्लान
था. और यह मुस्लिम लोगों द्वारा किया गया था. इस दंगे में कायदाकीय तरह से मदद करने वाला एक वकील भी है, जिसका नाम
है महमूद प्राचा यह महमूद प्राचा पेशे से एक वकील है और यह शाहीन बाग की तरफ से
जिसने दंगा किया था और जिस पर दंगा का आरोप है उसका यह केस लड़ रहा था
Muslim woman built a temple at home-Click-Here
महमूद प्राचा की ऑफिस पर पुलिस का छापा
कल दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली के शाहीनबाग दंगाइयों के केस लड़ रहे
मशहूर वकील महमूद प्राची के ऑफिस पर छापा मारा है मशहूर वकील महमूद प्राचा के ऑफिस
पर दिल्ली पुलिस का छापा मारने का कारण यह है कि दिल्ली दंगाइयों के आरोपी का केस
लड़ रहे मेहमूद प्रचा के खिलाफ, हलफनामा बनाने
में गड़बड़ी का आरोप का केस दाखिल किया है.
इसी सिलसिले में महमूद प्राचा की ऑफिस पर पुलिस ने छापा मारा है. लेकिन वकील महमूद
प्राचा उसे बदले की भावना से किया गया कार्यवाही बताते हैं. लेकिन वकील की यह दलील
में बिल्कुल भी तथ्य या सच्चाई नहीं है. हालांकि पुलिस ने जब वकील के यहां
छापेमारी की तो उसके घर के आगे बहुत सारे लोग इकट्ठा हो गए थे और शोर-शराबा और
नोकझोंक करने लगे थे. वकील महमूद प्राचा के साथ भी बहुत बोलाचाली हुई थी. यानी की रकजक हुई थी.
दिल्ली पुलिस के बयान से यह पता चलता है कि दिल्ली पुलिस ने छापा मारने का
कारण में यह बताया है कि, दिल्ली की अदालत ने महमूद प्राचा के ठिकानों पर सर्च
करने का वारंट इश्यू किया है. अदालत का यही आदेश के मुताबिक दिल्ली पुलिस की
स्पेशल सेल ने महमूद प्राचा के खिलाफ फर्जीवाड़े के धाराओं में मुकदमा भी दर्ज
किया हुआ है.
महमूद प्राचा पुर हलफनामा में गड़बड़ी का आरोप
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Delhi दंगा केस-महमूद प्राचा की ऑफिस पर पुलिस का छापा |
वकील महमूद प्राचा पर यह आरोप है कि उन्होंने हलफनामा में कहा था कि पुलिस ने
एक दंगा पीड़ित व्यक्ति को गलत बयान देने को कहा था. लेकिन हलफनामा जिस नोटरी के
नाम पर बनाया गया था उसका तो 3 साल पहले ही
मृत्यु हो चुकी है. और उस नोटरी की पत्नी भी कोर्ट में एक वकील है. जब कोर्ट में
बहस हुई तब पता चला था कि नोटरी की मौत हो चुकी है.
और उनकी पत्नी ने भी किसी भी प्रकार का हलफनामा कोर्ट में दाखिल नहीं किया है. इसीलिए दिल्ली कोर्ट ने महमूद प्राचा पर कार्यवाही करते हुए दिल्ली पुलिस कमिश्नर को स्पेशल सेल या क्राइम ब्रांच के माध्यम से जांच करने का आर्डर दिया था. पुलिस के मुताबिक जांच में हलफनामा फर्जी पाया गया जिसके बाद वकील महमूद प्राचा के खिलाफ केस दाखिल कर लिया गया.
स्पेशल सेल ने महमूद प्राचा निजामुद्दीन और यमुना विहार स्थित ऑफिस में तलाशी
ली, पुलिस की छापेमारी में महमूद प्राचा और
उनका एक कर्मचारी, निजामुद्दीन वाले घर में हाजिर मिले थे. जहां स्पेशल सेल ने
उसके सारे दस्तावेज जांच लिए थे, सारे दस्तक चेक
किए. लेकिन महमूद प्राचा के साथी और उनका एक कर्मचारी पुलिस की सफाई पर भरोसा नहीं
करते थे. महमूद प्राचा के साथी कर्मचारी का कहना है, कि पुलिस यह छापेमारी के द्वारा दिल्ली दंगे के आरोपियों के
केस को प्रभावित करना चाहती है. और सरकार ऐसे काम करके हमें और दंगे के आरोपीओ को
डर दिखाना चाहती है. और कुछ नहीं. सरकार की बस यही इच्छा है. और उसने कहा है कि अब
हम अगला कदम कोर्ट में लड़ेंगे.
स्पेशल सेल ने वकील महमूद प्राचा के कंप्यूटर की हार्ड डिस्क मांगी, क्योंकि पुलिस को शक है, कि इसी कंप्यूटर की मदद से फर्जी हलफनामा बनाया गया था,
और उस हलफनामा पर नोटरी की फर्जी हस्ताक्षर भी
किया गया था.
स्पेशल सेल ने यह दावा किया है कि, वह महमूद प्राचा की फर्म की आधिकारिक ईमेल के आउटकमिंग दस्तावेजों और मेटाडाटा
की खोज कर रही है.
पुलिस ने रेड के दरमियान महमूद प्राचा के कंप्यूटर को भी कब्जे में ले लिया है. हालांकि वकील महमूद
प्राचा का कहना है कि पुलिस अपना काम अपने अधिकार के बाहर जाकर कार्यवाही कर रही
है. इसीलिए उन्होंने पुलिस के खिलाफ कोर्ट में केस दाखिल कर दिया है. इसके अलावा
कई छात्रों ने बताया है कि कई एक्टिविस्ट के साथ महमूद प्राचा शाहीन बाग में C
A A के विरोध में भाषण देने
के लिए आया करते थे.
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25 12 20
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